नव-बिहार समाचार, भागलपुर। कल वरुथिनी एकादशी का शुभ दिन है। एकादशी का उपवास समस्त गृहस्थों के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक है। व्रत के पुण्य से व्यक्ति को स्वर्ग अथवा अन्य उत्तम लोक में स्थान प्राप्त होता है। पद्म पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण युधिष्ठिर को बताते हैं की मृत्युलोक के सभी मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले चित्रगुप्त भी इस एकादशी के पुण्य का हिसाब रख पाने में सक्षम नहीं हैं। वरुथिनी एकादशी का पुण्य फल वर्ष भर में पड़ने वाली सभी एकादशियों से बढ़ कर है। शास्त्रों के अनुसार अन्न और कन्या दान का महत्त्व हर दान से बढ़कर है लेकिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने वाले को इस दान से भी बढ़कर फल प्राप्त होता है।
कल क्या करें
सुख प्राप्ति के लिए श्री नाराय़ण के चित्र पर सिंदूर चढ़ाएं।
धन प्राप्ति के लिए श्री भगवान मधुसूदन के चित्र पर कमल गट्टे चढ़ाएं।
पराक्रम बढ़ाने के लिए श्री हरि के चित्र पर तुलसी पत्र चढ़ाएं।
गृह क्लेश से मुक्ति पाने के लिए श्री बाल गोपाल को दही का भोग लगाएं।
प्रेम में सफलता के लिए श्री राधा-कृष्ण पर रोली चढ़ाएं।
रोग मुक्ति के लिए श्री हरि पर मूंग चढ़ाएं।
सुखी दांपत्य के लिए लक्ष्मी-नारायण पर अबीर चढ़ाएं।
दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए भगवान बांके बिहारी पर लाल चंदन चढ़ाएं।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर हल्दी चढ़ाएं।
व्यवसायिक सफलता के लिए श्री कृष्ण पर नीले फूल चढ़ाएं।
लाभ प्रप्ति के लिए श्री नारायण पर लोहबान से धूप करें।
हानि से बचने के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर पीले फूल चढ़ाएं।
कल क्या न करें
पान न खाएं।
किसी की निन्दा न करें।
क्रोध न करें।
झूठ न बोलें।
दिन के समय न सोएं।
तेल में बना हुआ खाना न खाएं।
कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल न करें।
व्रत न रख सकें तो प्याज, लहसुन और चावल का सेवन न करें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: info@kamalnandlal.com