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जस्टिस वर्मा कमिटी: रेपिस्ट को फांसी नहीं मरने तक जेल की सजा'

राजेश चौधरी नई दिल्ली।।  
सेक्शुअल ऑफेन्स से निपटने के लिए जस्टिस जे. एस. वर्मा की अगुआई वाली कमिटी ने 631 पेज की अपनी सिफारिश दी है। इसमें कानून में तमाम बदलाव की बात कही गई है। वर्मा कमिटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि गैंग रेप में अधिकतम सजा उम्रकैद रखी जाए, लेकिन उम्रकैद का मतलब उम्रकैद यानी सारी जिंदगी जेल में
कटे। साथ ही रेप मामले में अधिकतम सजा 10 साल से बढ़ाकर उम्रकैद किए जाने की सिफारिश की गई है।
पीड़िता को मुआवजा देने की भी सिफारिश की गई है। साथ ही यह भी कहा है कि मुआवजे का भुगतान आरोपी ही करेगा। इस 3 सदस्यीय कमिटी के अध्यक्ष वर्मा थे। उनके अलावा हिमाचल प्रदेश की पूर्व चीफ जस्टिस लीला सेठ और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम बतौर सदस्य समिति में थे। केंद्र सरकार ने समिति को 23 दिसंबर को सिफारिशें देने का काम सौंपा था।
रेप और गैंग रेप के मामले को नए सिरे से डिफाइन किया
जस्टिस वर्मा कमिटी ने छेड़छाड़ मामले में सजा बढ़ाने की बात कही है। साथ ही ऐंटि स्टॉकिंग लॉ बनाए जाने की सिफारिश की गई है। रेप और गैंग रेप के मामले को नए सिरे से परिभाषित किया गया है। जस्टिस वर्मा ने आईपीसी की धारा-375 को परिभाषित करते हुए कहा है कि रेप का मतलब है कि अगर महिला के प्राइवेट पार्ट में किसी भी तरह से पेनट्रेशन किया जाए तो वह रेप होगा। बिना सहमति के यौन संबंध और अप्राकृतिक संबंध बनाने या मारने की धमकी देकर सहमति लेने या फिर नशे की हालत में सहमति लेने या मानसिक तौर पर बीमार महिला से सहमति लेने को रेप की परिभाषा में रखा गया है। सेक्शुअल असॉल्ट में रेप को सबसे गंभीर अपराध माना गया है।
रेप में 7 साल कैद से उम्रकैद तक की सजा मिले
धारा-376 के तहत रेप में 7 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान करने की सिफारिश की गई है। मौजूदा समय में अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। अगर पुलिस वाले या जिसकी कस्टडी में महिला हो या फिर अस्पताल के स्टाफ मरीज के साथ या फिर गर्भवती महिला के साथ रेप किया गया हो तो धारा-376 (2) के तहत 10 साल से लेकर उम्रकैद तक सजा की सिफारिश की गई है। इसके अलावा सेक्शन 376 (3) जोड़ा गया है। इसके तहत अगर रेप के कारण कोई जख्म हो जाए और बाद में पीड़िता की मौत हो जाए या फिर वह बीमारी से ग्रस्त हो जाए तो दोषी को कम से कम 20 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद (मरते दम तक) की सिफारिश की गई है।
16 साल की लड़की से रेप में 10 साल कैद से लेकर उम्रकैद
इसके अलावा धारा-376 (बी) का प्रावधान करने की सिफारिश की गई है, जिसके तहत 16 साल से कम उम्र की लड़की की सहमति या बिना सहमति के बनाए गए संबंध के मामले में 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान करने की बात कही गई है। धारा-376 (बी) (2) के तहत यह प्रावधान करने की बात कही गई है कि अगर रेप के कारण बीमार होने से मौत हो जाए या बीमारी हो जाए तो ऐसी सूरत में कम से कम 20 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद (मरते दम तक) का प्रावधान करने की बात कही गई है।
गैंग रेप मामले में मरते दम तक कैद की सिफारिश
गैंग रेप मामले में जस्टिस वर्मा कमिटी ने ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद की सजा देने की सिफारिश की है। गैंगरेप के लिए धारा-376 (सी) के तहत कम से कम 20 साल और ज्यादा से ज्यादा उम्रकैद (मरते दम तक जेल में) की सिफारिश की गई है। रेप के कारण महिला जख्मी हो जाए और बाद में वह बीमार हो जाए या मौत हो जाए तो ऐसे मामले में उम्रकैद (मरते दम तक जेल) का प्रावधान करने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि अगर कोई आरोपी बार-बार ऐसी वारदात को अंजाम देता हो तो उसे दूसरी बार दोषी पाए जाने पर मरते दम तक उम्रकैद की सजा का प्रावधान किए जाने की सिफारिश की गई है।