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मन-मर्जी से चलता है भागलपुर का गोपालपुर प्रखंड कार्यालय

गंदगी और कुव्यवस्था का पसरा है आलम
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। जिले का गोपालपुर प्रखंड कार्यालय इन दिनों कर्मचारियों और पदाधिकारियों की अपनी मन मर्जी का बन चुका है। जिनके आने या जाने पर कोई अंकुश है ही नहीं। किस कार्यालय का ताला कब खुलेगा पता नहीं। अगर
ताला खुल गया तो कर्मचारी नहीं। कर्मचारी है तो पदाधिकारी नहीं। अगर वो भी आ गए तो गंदगी को देखने वाला कोई नहीं। भले ही देश भर में स्वच्छ भारत का नारा बुलंद हो रहा हो या बिहार में लोहिया स्वच्छ बिहार का अभियान चल रहा हो, यहां उसका कोई असर पड़ने वाला नहीं।
उपरोक्त बातों का खुलासा तब हुआ जब जिले के नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार औचक निरीक्षण के लिए गुरुवार को 10 बजकर 50 मिनट पर गोपालपुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय के हर हिस्से में गंदगी के पसरे आलम को देखा। जहां कचरों का अंबार लगा था। यहां तक कि बाथरूम में भी गंदगी ही मिली।
प्रखंड कार्यालय में प्रखंड विकास पदाधिकारी कक्ष और प्रधान सहायक कक्ष खुला था, शेष सभी जगह ताला लटक रहा था। लिपिक राहुल कुमार, विष्णु कुमार, सुनील कुमार, सौदागर मेहतर और रंजीत कुमार गायब मिले। ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी 11:30 बजे से पहले कभी नहीं आते और कर्मी 11 बजे के बाद ही आते हैं।
मौके पर ग्रामीणों ने अंचल कर्मियों के भी लेट आने की शिकायत की। तत्काल निरीक्षण के दौरान आरटीपीएस काउंटर बंद पाया गया और कर्मी मुस्ताक आलम और आशुतोष राज भी अनुपस्थित पाये गए। वहीं 11:30 बजे तक बाल विकास परियोजना कार्यालय का भी ताला नहीं खुला था। वहीं मनरेगा कार्यालय खुला तो मिला। जहां मौजूद वन पोषक महेंद्र दास ने बताया कि मैं ने ही कार्यालय खोला है। लेकिन कार्यालय की स्थित बयान कर रही थी कि काफी दिनों से कोई नहीं आ रहा है। जबकि 11:35 तक प्रखंड आपूर्ति कार्यालय में भी ताला लटका देखा गया।
अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।