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नवगछिया: परवत्ता पुलिस के कारनामे को कोर्ट ने किया उजागर, पूछा स्पष्टीकरण, एसपी सहित डीआईजी और आईजी को भेजी सूचना

नव-बिहार समाचार (नस), नवगछिया / भागलपुर : नवगछिया पुलिस की एक और खासी कारगुजारी नवगछिया के एक कोर्ट के सामने आई है। पिछले दिनों गंगा नदी के
उत्तरी छोर स्थित टोल टैक्स वसूली प्वाइंट पर लूट के मामले में आरोपित पक्ष (झारखंड पुलिस) को फायदा पहुंचाने के लिए परवत्ता पुलिस ने चोरी की धारा लगा दी। लेकिन पुलिस की यह चालाकी नवगछिया कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को पकड़ ली गई।
व्यवहार न्यायालय नवगछिया के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय संतोष कुमार गुप्ता की अदालत ने इस मामले में थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव से स्पष्टीकरण भी मांगा है। संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई के लिए एसपी पंकज सिन्हा भागलपुर प्रक्षेत्र के आइजी सुशील मान सिंह खोपड़े व डीआइजी विकास वैभव को पत्र लिखा है।
कर्मचारी ने परबत्ता थाने में दर्ज कराई थी प्राथमिकी : विक्रमशिला सेतु उत्तरी छोर स्थित टोल टैक्स वसूली प्वाइंट के कर्मचारी दयालपुर निवासी रोहित कुमार के बयान पर परबत्ता थाने में एक मामला दर्ज कराया था। इसमें झारखंड के जामताड़ा जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के बनसय निवासी झारखंड पुलिस के जवान अमित कुमार यादव व रांची के आदर्श नगर निवासी जवान संजय कुमार को आरोपित किया था। कहा था कि जाह्न्वी चौक पर टोल नाका पर वह अपने दोस्त के साथ ड्यूटी पर था। सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लगी थी। इसी बीच स्कार्पियो सवार झारखंड पुलिस के दो वर्दीधारी जवान आए और गाली-गलौज करते हुए कहा कि जाम क्यों लगाते हो। इसके बाद दोनों जवान काउंटर पर आकर स्टाप जगतपुर निवासी विनोद यादव व सिकंदर यादव के साथ मारपीट करने लगे। इसमें दोनों कर्मचारी जख्मी हो गए। इस दौरान जवानों ने काउंटर से रुपये व कुछ सामान भी लूट लिए। इसके बाद भाग निकले। जवानों को विक्रमशिला सेतु के दक्षिण साइड पर रोका गया। वहां पुलिस ने दोनों के पास से लूट के रुपये व सामान बरामद किए। दोनों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 84-17 में पुलिस ने धारा 341, 323, 504, 448, 379-34 भारतीय दंड विधान लगाया गया। इसमें लूट की धारा ही नहीं है। कांड के अनुसंधानकर्ता एएसआइ सतीश प्रसाद मंडल को बनाया गया है।
न्यायालय की टिप्पणी
अदालत ने परबत्ता पुलिस के क्रियाकलाप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड पुलिस द्वारा टोल प्लाजा के कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हुए रुपये की लूट की गई थी। लेकिन प्राथमिकी में लूट की धारा लगाने की बजाय चोरी की धारा 379 भादवि लगाकर आरोपित जवानों की मदद का प्रयास किया गया है। जबकि मामला स्पष्ट रूप से लूट का है। पुलिस घटना की लीपापोती कर रही है।