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नीतीश के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे PM मोदी

पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चल रहे सियासी सरगर्मी के बीच इस्‍तीफा दे दिया है। इसके बाद अब वे भाजपा के साथ राजग की नई सरकार बनाएंगे। गुरुवार की शाम उनकी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हाेंगे।

इस्‍तीफा के बाद नीतीश कुमार को भाजपा ने अपना समर्थन दे दिया है। नीतीश कुमार के आवास पर भाजपा व जदयू विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश को नेता चुना जा चुका है। भाजपा नेता सुशील मोदी ने बताया है कि नई सरकार में भाजपा भी शामिल रहेगी। बताया जा रहा है कि नीतीश गुरुवार शाम पांच बजे एनडीए सरकार में फिर मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसमें प्रधानमंत्री शामिल रहेंगे।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बुधवार को पार्टी विधानमंडल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मंत्रिमंडल भंग करने व नीतीश कुमार के इस्‍तीफे का फैसला लिया गया। सरकार को लेकर अंतिम निर्णय पर आने के बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्‍यपाल से मिलने का वक्‍त मांगा। इसके बाद उन्‍होंने राज्‍यपाल से मिलकर अपना इस्‍तीफा सौंप दिया।

नीतीश ने कहा

इस्‍तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि उनसे जितना संभव हुआ, गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जनता से किए वायदों को पूरा करने की कोशिश की। कहा कि उन्‍होंने डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव से कभी इस्‍तीफा नहीं मांगा। हां, इस मुद्दे पर तेजस्‍वी से बात हुई। लालू प्रसाद यादव से भी बातचीत होती रही। नीतीश ने कहा कि उन्‍होंने तेजस्‍वी से आरोपों की बाबत स्‍पष्‍टीकरण देने को कहा। आम जन के बीच जो अवधारणा बन रही थी, उसके लिए यह जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

राजद खेमेे की ओर इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वहां अपेक्षा थी कि हम संकट में हैं तो हमारी रक्षा कीजिए। लेकिन, यह अपने आप बुलाया गया संकट है।

नीतीश ने कहा कि परिस्थितियां ऐसी बनीं, जिसमें काम करना संभव नहीं रहा था। जबतक (सरकार) चला सकते थे चला दिया। उन्‍होंने कहा कि इस्‍तीफे का फैसला उनकी अंतरात्‍मा की आवाज थी। चर्चा हो रही थी कि नीतीश इस्‍तीफा नहीं देंगे, तेजस्‍वी को बर्खास्‍त करेंगे। लेकिन, यह मेरे काम करने का तरीका नहीं है। मैंने खुद ही नमस्‍कार कर दिया।

यह है मामला 

विदित हो कि सीबीआइ की एफआइआर में नामजद डिप्‍टी सीएम तेजस्‍वी यादव के इस्‍तीफे को लेकर भाजपा ने विधानमंडल के मॉनसून सत्र को बाधित करने का अल्‍टीमेटम दिया था। जदयू ने भी कई बार मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्‍टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की बात कही। उधर, राजद ने साफ कर दिया था कि तेजस्‍वी किसी भी स्थिति में इस्‍तीफा नहीं  देने जा रहे हैं। ऐसे में उनके पास खुद इस्‍तीफा देने या तेजस्‍वी को बर्खास्‍त करने का विकल्‍प था।