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वीसी ने पूछा-प्राचार्य बताएं, शिक्षक कब आते और कब जाते हैं… 


नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, भागलपुर। अब अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों को यह बताना होगा कि शिक्षक कितने बजे कॉलेज आए और कितने बजे लौटे। भागलपुर विश्वविद्यालय ने कॉलेज में शिक्षकों की पांच घंटे उपस्थिति अनिवार्य करते हुए यह निर्देश जारी किया है। बुधवार को अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्यों के साथ बैठक में कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा ने कहा कि केवल यह रिपोर्ट देना काफी नहीं है कि शिक्षक कॉलेज आए थे। इस तरह की रिपोर्ट से यह पता नहीं चलता है कि शिक्षक पांच घंटे कॉलेज में रुके या नहीं। इसलिए अब विश्वविद्यालय को कॉलेजों से प्रत्येक दिन यह रिपोर्ट चाहिए कि शिक्षक कितने बजे कॉलेज और उन्होंने कितने बजे कॉलेज छोड़ा।
प्राचार्यों को यह निर्देश भी दिया गया कि शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्त के तीन महीने पहले उनकी पेंशन से जुड़ी फाइल विश्वविद्यालय को भेज दी जाए। समय से फाइल मिलने पर पेंशन और सेवांत लाभ की प्रक्रियाएं पूरी कर सेवानिवृत्ति के दिन इसका लाभ शिक्षकों और कर्मचारियों को दिया जा सकेगा। प्राचार्यों को पेंडिंग रहित रिजल्ट के लिए भी निर्देश दिए गए। उन्हें बताया गया कि प्राचार्य खुद और वीक्षक के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र कॉपी पर रोल नंबर, पंजीयन संख्या, विषय का नाम और दूसरी जरूरी जानकारियां सही भरें। परीक्षा या मूल्यांकन के बाद कापियां क्रमबद्ध तरीके से रखे जाएं और इसी तरह टेबुलेशन के लिए उपलब्ध कराए जाएं।
अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्यों के बाद संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ भी बैठक हुई उन्हें निर्देश दिया गया कि जिन विषयों में संबंधन प्राप्त है उसी में दाखिला लें। छात्र का दाखिला जिस विषय में हो, पंजीयन भी उसी में कराया जाए और जितनी सीटें निर्धारित हैं, उतने पर ही दाखिला लें। नियमितीकरण होने की बात कह कर कुलपति ने निर्देश दिया कि अब संबद्ध कॉलेजों में भी कक्षा और गुणवत्तापूर्ण पढा़ई पर ध्यान दिया जाए। इसके अलावा गर्मी की छुट्टी में होने वाली स्नातक पार्ट-थ्री की परीक्षा में संबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों को भी सहयोग करने को कहा गया।

साभार- कुमार आदित्य